विश्व ह्रदय दिवस – World Heart Day

Posted by hindimanthan | Sep 29, 2022
hindimanthan विश्व ह्रदय दिवस – World Heart Day

दिल जलता है तो जलने दे।
आँसू न बहा फरियाद न कर।

ये पंक्तियाँ 1945 में आयी मूवी “पहली नज़र” के हिसाब से सही रही होंगी,लेकिन अगर अब आपको दिल में ऐसा कुछ लगता है तो आपको आँसू बहाने और फरियाद करने की जरुरत तो नहीं मगर हाँ, एक अदद अच्छे डॉक्टर की जरूरत तुरंत है।

तो आइये जानते हैं दिल की बातों को वर्ल्ड हार्ट डे के दिन।

हम सभी ये जानते हैं, कि 29 सितम्बर को विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता है। क्या आप ये कभी सोचते हैं, कि आखिर क्यों हमे वैश्विक स्तर पर विश्व ह्रदय दिवस मनाने की जरुरत पड़ी? तो आइये जानते हैं, इस खास दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने के पीछे का मूल उद्देश्य।

वर्ल्ड हार्ट डे सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य यह है, कि हमारे समाज में काफी ऐसे इलाके हैं, जो अभी भी पिछड़े हुए हैं। इसलिए लोगों के बीच हार्ट हेल्थ और इसके परिणामों के विषय में जागरूकता फैलाना जरुरी है। क्योंकि दुनिया भर में लाखों करोड़ो लोग ह्रदय की गति रुकने व ह्रदय से जुड़ी अन्य बीमारियों के कारण अपनी जान दिन प्रतिदिन गवांते जा रहे हैं। जोकि हमलोगों के लिए काफी सोचनीय विषय बनता जा रहा है,और सोचनीय विषय बने भी क्यों नहीं क्योंकि ह्रदय हमारे शरीर के सबसे कोमल व नाजुकअंग के साथ साथ सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। इसीलिए हमे अपने ह्रदय का ख्याल उसी प्रकार रहना चाहिये, जैसे एक नवजात शिशु का रखा जाता है।

क्या आप लोग जानते हैं, कि हमलोग एक ऐसी लाइफस्टाइल जी रहे हैं ,जिसमे हम अपनी हार्ट हेल्थ को कहीं पीछे छोड़ते जा रहे हैं और अन्य बीमारियाँ दिन पर दिन आगे आती जा रही हैं। इन सब के चलते ही हम काफी कम उम्र के युवा व महान हस्थियो को खोते जा रहे हैं। जैसे अभी इसी महीने हम लोगों ने हार्ट प्रॉब्लम के चलते “कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्तव जी” को खो दिया।

विश्व ह्रदय दिवस के शुरू होने का इतिहास:
हमलोग अपने इतिहास के पन्नों को पलटकर देखे तो हमे पता चलता है ,कि इस दिन को किस सन व किन किन ऑर्गेनाइज़ेशन ने साथ मिलकर खास बनाने की नीव रखी। सन 2000 के 24 सितम्बर को सबसे पहला हार्ट डे मनाया गया। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन और वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने साथ मिलकर इसे वर्ल्ड हार्ट डे के रूप में मनाने की नींव रखी। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर कार्य करने वाले एंटोनी बेयस डी लूना को हार्ट डे मानाने के विचार को दुनिया के समक्ष लाने का श्रेय दिया जाता है। सन 2000 के बाद यह दिन 2011 में सितम्बर के आखरी रविवार को मनाया गया। सन 2011 के बाद ही इस दिन को हर बार 29 सितम्बर को सेलिब्रेट करने के लिए चुना गया।

वर्ल्ड हार्ट डे 2022 की थीम:
जैसा की हम सभी जानते हैं, कि हर साल हार्ट डे के लिए एक थीम का चुनाव किया जाता है। उस थीम को लोगो के बीच लाने का भी पूरा प्रयत्न किया जाता है।
2022 वर्ल्ड हार्ट डे की थीम को कुछ यूँ रखा गया है कि वो कहीं न कहीं आपके दिल को छू जाएगी। तो आइये जानते है इस साल की थीम “यूज़ हार्ट फॉर एवेरी हार्ट” इस थीम से आशय ये है कि “सभी ह्रदयों के लिए ह्रदय का उपयोग करें” इस थीम को रखने का आशय ये है कि लोगों को एक दूसरे से जोड़ना ,जिससे सभी लोग एक साथ मिलकर एक स्वस्थ और सेहतमंद हार्ट के लिए काम कर पाए।

सेहतमंद ह्रदय के निर्माण के कुछ उपाय:
आज कल की लाइफस्टाइल के अनुसार, बच्चों व युवाओं का समय आधे से ज्यादा समय स्कूल, कॉलेज में बीतता है, वहीं अगर बड़ों की बात करे उनका लगभग समय बाहर व ऑफिस में बीतता है।इनसब चीजों का असर हमारे शरीर के लिए हानिकारक है। ऐसे हानिकारक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए। हम सोचते हैं कि आखिर कैसे हम अपने ह्रदय को सेहतमंद रख सकते हैं।

तो आइये जानते हैं ह्रदय को स्वस्थ व दुरुस्त रखने के लिए क्या-क्या उपाय किये जाने चाहिए –

1. हर इंसान को नमक का सेवन काम मात्रा में करना चाहिए।
2. प्रतिदिन थोड़ा समय निकाल के सुबह या शाम के वक़्त व्यायाम करना चाहिए। अगर समय का आभाव है तो आपको 10 से 15 मिनट तेज़ तेज़ कदमो से
टहलना चाहिए ,क्योकि ये आपके ह्रदय के लिए अच्छा होता है।
3. हर इंसान को भोजन में ताज़ी सब्जिया,फल और कम वसा(फैट) वाले आहार शामिल करने चाहिए।
4. तम्बाकू जैसे हानिकारक पदार्थों का सेवन न करें। यह आपकी जान भी ले सकता है।
5. अगर कुछ नहीं कर सकते तो आप काम से काम 1 किलोमीटर साइकिल चला कर अपने ह्रदय को स्वस्थ रख सकते हैं।
6. रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर ले, क्योकि यह भी आपके हार्ट को सेहतमंद बनाती है।
7. काली चाय या ग्रीन टी ही लें और कैफीन की मात्रा को कम करे।
8. गर्मियों के दिनों में लगभग 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करें और अपने ह्रदय को स्वस्थ बनाये।
9. समय से नाश्ता और खाना खाने की आदत डाले, यह आदत आपके लिए उपयोगी होगी।
10. हमे अपने डेली के खाने में तैलीय पदार्थों का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।

आजकल की जीवनशैली की भागदौड़ की वजह से लोगों में तनाव व चिंता बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते पूरी तरह से बचना मुश्किल है। लेकिन जितना हो सके उतना बचा जा सकता है।