26 जनवरी को ही क्यों मानते हैं गणतंत्र दिवस – 26 January

Posted by hindimanthan | Jan 22, 2023
hindimanthan 26 जनवरी को ही क्यों मानते हैं गणतंत्र दिवस – 26 January

“गणतंत्र” वह शब्द है जो ये दर्शाता है कि राष्ट्र किसी एक राजा का नहीं बल्कि उस राष्ट्र की जनता का होता है।

भारत एक लोकतान्त्रिक देश है जिसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अंतर्गत चुने जाते हैं।

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है जो हर साल 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है, यह पर्व उन सभी क्रांतिकारियों और सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राण त्याग दिए।

26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था जिसे बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिनों का समय लगा था। संविधान निर्माण के लिए कुल 22 समितियों का गठन किया गया था जिसमें से प्रमुख थी ड्राफ्टिंग कमेटी जिसका काम संविधान लिखना था और इस समिति के प्रमुख डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर थे जिन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सौंपा जिसे आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

26 जनवरी को चुनने की एक विशेष वजह यह भी थी की, 26 जनवरी 1929 को लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था।

गणतंत्र दिवस समारोह भारत के राष्ट्रपति के सामने राजधानी नई दिल्ली में राजपथ(जो कि अब कर्त्तव्य पथ है) पर आयोजित किया जाता है। इस दिन भारतीय सेना(जल,थल और वायु) के जवान परेड के माध्यम से अपनी शक्ति, साहस और कुशलता का परिचय देते हैं।

इस दिन विभिन्न राज्यों की झाकियाँ भी निकाली जाती हैं जो कि भारत की एकता और अखंडता को दर्शाती हैं।