धनतेरस – क्यों मनाया जाता है – पूजा, कथा, क्या खरीदें क्या नहीं – Dhanteras or Dhantrayodashi

Posted by hindimanthan | Oct 20, 2022
hindimanthan धनतेरस – क्यों मनाया जाता है – पूजा, कथा, क्या खरीदें क्या नहीं – Dhanteras or Dhantrayodashi

भारत में हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्यौहार मानाया जाता है। हमारे यहां धनतेरस का त्यौहार दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। इनके जन्मदिवस को धनतेरस के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसीकारण इस दिन बर्तन खरीदना काफी शुभ माना जाता है। हर साल इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है। धनतेरस के दिन बर्तन के साथ कोई भी सामान खरीदना काफी शुभ माना जाता है।

धनतेरस का इतिहास (क्यों मनाया जाता है धनतेरस):

शास्त्रों के अनुसार, एक बार राजा बलि ने अपने भय से देवताओं को बहुत भयभीत कर रखा था। तभी देवताओं को राजा बलि के भय से छुटकारा दिलाने के लिए भगवान विष्णु वामन अवतार में अवतरित हुए, और राजा बलि के यज्ञ स्थल पर गए। राक्षस वंश में जन्मे राजा बलि के गुरु शुक्राचार्य ने वामन रूप में भी भगवान विष्णु को पहचान लिया था, इसलिए शुक्राचार्य ने राजा बलि से अनुग्रह किया कि वामन कुछ भी मांगे उसे मना कर देना। भगवान वामन ने राजा से तीन पग भूमि को दान करने के लिए कहा, चूँकि राजा बलि बड़े न्याय-निष्ठ और दानी थे, उन्होंने वामन के रूप में अवतरित भगवान को तीन पग भूमि देने का संकल्प कर लिया। बलि अपने कमंडल से जल लेकर संकल्प लेने लगते हैं तभी बलि को ये सब दान करने से रोकने के लिए शुक्राचार्य बलि के कमंडल में सूक्ष्म रूप लेकर प्रवेश कर जाते हैं और बलि के कमंडल से जल के निकलने का रास्ता बंद हो जाता है। भगवान विष्णु वामन अवतार में शुक्राचार्य की इस चाल को समझ जाते हैं और अपने हाथ में पकडे हुए कुशा को कमंडल में इस तरीके से रखते हैं कि शुक्राचार्य की एक आंख फूट जाती है। तभी शुक्राचार्य झटपटा कर कमण्डल से निकल आते हैं। उसके बाद बलि जल से संकल्प लेकर तीन पग भूमि दान कर देता है।

तत्पश्चात भगवान वामन अपने एक पैर से संपूर्ण पृथ्वी की दूरी को नाप लेते हैं, और अपने दूसरे पैर से अंतरिक्ष को, जिसकी वजह से तीसरा पग रखने के लिए जगह नहीं होने पर बलि अपना सिर वामन भगवान के चरणों में रख देते हैं। यही वजह है कि राजा बलि दान में अपना सब कुछ गंवा बैठते हैं। बलि के भय से देवताओं को मुक्ति के साथ-साथ बलि के द्वारा देवताओं से ली गई धन-संपत्ति भी वापस मिल जाती है। तब से ही धनतेरस का त्यौहार मनाया जाने लगा।

आइये जानते हैं कि धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए:

धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर भगवान का पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन बाजार में सबसे ज्यादा धूम होती है खरीदारी की जाती है। क्योंकि धनतेरस के दिन नई चीजों को खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन जो भी चीज़ खरीदी जाती है, उसमें 13 गुना बढ़ोतरी हो जाती है, तभी लोग धनतेरस के दिन वाहन, सोना-चांदी और बर्तन खरीदते हैं। वर्तमान समय में बढ़ती महंगाई की कारण सोना,चांदी या वाहन खरीद पाना हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं है। सोने-चांदी के अलावा भी बहुत सी चीज़ें हैं जो आप धनतेरस पर खरीद सकते हैं।

पीतल के बर्तन:
धनतेरस के दिन पीतल खरीदना काफी शुभ माना जाता है। ये खरीदने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि जब समुद्र मंथन से
भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से युक्त कलश था। ऐसा माना जाता है कि ये कलश पीतल का था। इसलिए धनतेरस के दिन पीतल लेना भी शुभ माना जाता है।

गोमती चक्र:
पुराणों के अनुसार गोमती चक्र मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है। धनतेरस के दिन इसे खरीदकर घर ले आये और शाम को मां लक्ष्मी की पूजा के साथ इस गोमती चक्र की भी पूजा करें उसके बाद इसे लाल कपड़े में लपेटकर लॉकर या कैश बॉक्स में रख दें जिससे आपके पास कभी धन की कमी नहीं होगी।

झाड़ू ख़रीदना क्यों शुभ माना जाता है?

हमारे हिंदू धर्म शास्त्र में झाड़ू का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है, मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू माता लक्ष्मी का ही एक रूप है। इसी कारण धनतेरस के दिन घरों में नई झाड़ू लाना भी सुबह होता है। जिससे घर में सुख-शांति और धन में बढ़ोत्तरी होती है। यदि आप धनतेरस में सोना चांदी नहीं खरीद पाते हैं तो आप झाड़ू अवश्य खरीदें। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू घर की दरिद्रता को दूर करता है।

धनतेरस पर धन-दौलत बढ़ाने के उपाय:

1) धनतेरस वाले दिन आपको खीर, चीनी, चावल, सफेद कपड़ा आदि सफ़ेद चीज़ें दान करनी चाहिए जिससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

2) इस दिन घर में कुबेर यन्त्र और गोमती चक्र अवश्य लाएं, माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा करते समय उसे साथ रखें और पूजा करने क बाद गोमती चक्र को लाल कपड़े में लपेट कर अपनी तिजोरी में या पैसे रखने के स्थान पर अवश्य रखें। इससे खूब धन-दौलत बढ़ेगी।

3) धनतेरस के दिन किन्नरों को पैसे दान करें फिर उनसे एक सिक्का वापस लें वो सिक्का आप अपनी तिजोरी या धन रखने क स्थान पर रखें इससे आपके धन में लगातार बढ़ोत्तरी होगी।

4) धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा में पीली कौड़ियां, गोमती चक्र और धनिया लक्ष्‍मी माता को अवश्य चढ़ाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि एवं धन की बढ़ोत्तरी होती है।

5) धनतेरस के दिन चाँदी के 13 सिक्के लें और उनपर हल्‍दी केसर से तिलक लगाकर उनकी पूजा करें। ऐसा करने से घर में सुख-शान्ति बानी रहेगी।