Comedy King Raju Srivastava: जानिए राजू श्रीवास्तव की जिंदगी के कुछ किस्से और उनका व्यक्तित्व

Posted by hindimanthan | Sep 21, 2022
hindimanthan Comedy King Raju Srivastava: जानिए राजू श्रीवास्तव की जिंदगी के कुछ किस्से और उनका व्यक्तित्व

“पर्वतों से आज मैं टकरा गया ,
ये पकड़ ले आया…. मैं आ गया ।”

ऊपर लिखी हुई पंक्तियां उस शख़्स की हैं जिसने एक बार तो हर किसी को हंसाया होगा, सिर्फ हंसाया नहीं, हंसा हंसा कर पागल कर दिया।
ये उसकी कहानी है !

नाम, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव जो आगे जाकर राजू श्रीवास्तव बन गया।

राजू श्रीवास्तव का जन्म 25 दिसंबर, 1963 में हुआ था । इसके पिता जी, रमेश चंद श्रीवास्तव “बलई काका” के नाम से बड़े मशहूर थे।  वे ख़ुद में एक बेहतरीन कवि थे, और अक्सर कानपुर में कविताएं पढ़ा करते थे ।

जानिए, राजू श्रीवास्तव कैसे बने कॉमेडी किंग:

राजू श्रीवास्तव को बचपन से ही लोगों से बोलने चालने का शौक़ था और लोगों को हंसाने का हुनर तब ही उतना ही उम्दा।

लेकिन ये उतना आसान नहीं जितना आपको सुनने में लग रहा !

अभी तो कॉमेडियन बनने का सपना बहुत दूर था।

वो अक्सर अपने टीचर्स की नकल करते रहते थे, यहां तक कि कभी कभी क्रिकेट मैच में कमेंट्री भी।

देखते ही देखते उनकी रुचि इसमें और बढ़ती गई और लोगों की उनमें। कानपुर में लोग उन्हें बर्थडे और पार्टी में बुलाने लगे और वे वास्तव में जिस भी महफ़िल में जाते, चार चांद लगा देते ।

राजू श्रीवास्तव मज़े करने में इतने व्यस्त हो जाते की अक्सर लेट हो जाया करते थे जिसके कारण घर पहुंचते ही उन्हे मम्मी से डांट भी खानी पड़ती थी।

राजू के पिता ख़ुद एक कवि थे तो अंदर ही अंदर ही वो राजू के इस हुनर को जान रहे थे लेकिन उनकी मां का कहना हर बार यही होता था कि राजू अपनी पढ़ाई पूरी करे , जिसके बाद वो एक अच्छी नौकरी करके अपना नाम रौशन करें।

लेकिन ये बात किसको पता थी कि वो आगे जाकर सिर्फ़ नाम नहीं बल्कि एक अलग पहचान बनायेंगे जिसको लोग सदा याद रखेंगे । कि वे एक ऐसा चेहरा बन जायेंगे जो किसी परिचय का मोहताज नहीं होगा ।

“कहिए कहां से आना हुआ ……
चेहरा तो है पहचाना हुआ ।”

अमिताभ बच्चन की एक्टिंग से थे प्रभावित:

फ़िल्म “शोले” देखना राजू श्रीवास्तव की ज़िंदगी में एक नए मोड़ की शुरुआत थी। वे अमिताभ बच्चन की एक्टिंग से इतने प्रभावित हुए की उन्होंने उनकी मिमिक्री करना शुरू कर दिया।

उन्होंने न जाने कितने स्किट्स किए जो कि फ़िल्म शोले पर आधारित थे जिसने सबको लोट पोट कर दिया ।

अपने काम के लिए मिले पचास रुपए ने राजू श्रीवास्तव को ये एहसास करा दिया था कि उनका हुनर आगे चलकर उनका प्रोफेशन भी बन सकता है । जब उन्हें वो पचास रूपय दिए गए तब उनको ये समझ ही नहीं आया कि उनको वो बोलने के दौरान पकड़ने के लिए दिए गए हैं या बस दे दिए गए हैं ! तो जब उन्होंने देने वाले से पूछा कि ये किस लिए हैं , तो उन्होंने कहा कि ये तो उनके मेहनत का मेहनताना है जिसके वे हकदार हैं ।

देखते देखते राजू श्रीवास्तव कानपुर में एक जाना पहचाना नाम बन चुका था, जिसकी वजह से राजू को लगने लगा कि अगर वो यही काम बाकी शहरों में भी करने लगे , तो वह उन्हें और मशहूर बना देगा।

पर आखिर कब तक, उन्होंने सोचा !

और बस फ़िर क्या, इसके बाद ही उन्होंने मुंबई जाने का फ़ैसला लिया, इस बात से अंजान कि यहां उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरू होने वाला था । वे सन् 1982 में मुंबई में आए । संघर्ष के शुरुआती दिन बड़े कष्टकारी साबित हुए उनके लिए लेकिन उनका दिल और दिमाग खुला था । उन्होंने आते ही कुछ ऑर्केस्ट्रा के साथ जुड़ने की कोशिश की और वहां वो अमिताभ बच्चन की एक्टिंग करते थे और उन्हें अक्सर जूनियर अमिताभ के नाम से लोग उन्हें बुलाते थे ।

80 के दशक में राजू श्रीवास्तव कुछ फिल्मों में भी देखने को मिले जिनमें “तेज़ाब” और “मैंने प्यार किया” जैसी मशहूर फिल्में भी शामिल हैं । उन्होंने कुछ टीवी शो में काम किया । पर ये स्टेज शो, और फ़िल्में सिर्फ़ एक ज़रिया था , चमत्कार तो तब हुआ जब एक रियलिटी टीवी शो “द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” टीवी पर आया । उस शो ने कॉमेडी की दुनिया को एक नया नाम दे दिया , राजू श्रीवास्तव, वो नाम जिसने सबको हिला कर रख दिया और हमेशा के लिए सबके दिल में बस गया । यही नहीं, आपको बता दे कि इस शो के बाद ही यह चलन चला था कि हर टीवी चैनल पर कम से कम एक कॉमेडी शो ज़रूर होगा । उस शो में तो राजू श्रीवास्तव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था, लेकिन दिलों को जीतने में, उनको कोई हरा नहीं पाया ।

स्टेज शो , प्राइवेट कार्यक्रम, नेशनल और इंटरनेशनल , ऐसी कोई जगह नहीं और ऐसा कोई शख़्स नहीं, जिसको राजू श्रीवास्तव ने हंसाया न हो, वो भी बस मामूली सी आम ज़िंदगी की बातों से।

कॉमेडी के जगत में नाम कमाने के बाद उन्होंने अपनी किस्मत राजनीति में भी अपनाई लेकिन उनकी कॉमेड हमेशा उसपर भारी पड़ी।

ये थी कहानी राजू श्रीवास्तव की , एक ऐसा नाम जिसने लोगों को दिल खोल कर हंसाया और उनके दिलों में अपनी एक अलग पहचान बना ली जिसकी जगह कभी कोई दूसरा नहीं ले पाया ।