भारत में चीतों की वापसी – Cheetahs Back To India
चीता, जो की जानवर होने के साथ-साथ रफ़्तार का भी एक मानक है भारत से 74 साल पहले ही गायब हो गए थे। वजह साफ़ तो नहीं है की ऐसा क्यों हुआ लेकिन आंकड़े बताते हैं कि लोगो ने अपने मनोरंजन और दिखावे के लिये इनका बड़ी मात्रा में शिकार किया और कुछ ने तो इस जानवरो को पालतू बना कर भी रखा नतीज़तन चीते भारत से विलुप्त हो गए और 1952 में भारत सरकार ने इन्हे विलुप्त प्राय जीवों की श्रेणी में डाल दिया।
कब देखा गया चीतों को भारत में आखिरी बार?
भारत में इन चीतों को 1947 – 1948 में आखिरी बार देखा गया था वो भी मुर्दा! आखिरी बार इन चीतों को ज़िंदा देखने वाले छत्तीसगढ़ के महाराज “रामानुज प्रताप सिंह देव” थे। अफ़सोस! वो उस वक़्त शिकार पर थे लिहाजा उन्होंने एक साथ बैठे तीन चीतों को अपने अचूक निशाने का शिकार बनाया और फिर भारत 74 साल बिना चीतों के रहा।
चीतों को भारत दोबारा लाने की कवायद 1952 में इनके विलुप्त प्राय जीवों की श्रेणीं में आने के बाद से ही शुरू हो गयी थी और इसके लिए 1970 में ईरान सरकार से बात भी करि गयी लेकिन राजनीतिक कारनों के चलते ये समझौता नहीं हो सका। 2009 में भारत सरकार ने अफ़्रीकन चीतों को भारत लाने का प्रस्ताव रखा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे नकार दिया। 2020 में सुप्रीम कोर्ट नें अपने निर्णय में बदलाव कर के कुछ नियम और शर्तों के साथ चीतों को भारत लाने की अनुमति दी है।
और अब 17 सितम्बर 2022 को नामीबिया से आठ चीतों को विशेष विमान से भारत लाया गया हैं और उन्हें मध्यप्रदेश के 740 वर्ग किलोमीटर में फैले कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतामित्रों की देखरेख में रखा गया है।
हम सब ये उम्मीद करते हैं चीतों को अपना नया घर पसंद आये और अबकी बार ऐसा न हो की हमें फिर से दशकों तक किसी भी जीव के लिए ऐसा दोबारा करना पड़े।